संध्या का समय था। कमरे में छायी थी शांति और मिठास। एक दूसरे के आँचल में बंधे, पति और पत्नी की आँखों में एक-दूजे के प्रति गहरी मोहब्बत का इशारा था। उनकी हाथों में हाथ थमा हुआ था, जैसे कि एक दूसरे के दिलों का संवाद चुपके से चल रहा था। उनकी नजरें एक-दूसरे के साथी होने की खुशी को बयां कर रही थीं, बिना शब्दों के। उनकी मुस्कान ने अपनी मिसाल दी, एक-दूसरे के समर्थन में, अपने जीवन के हर पल में।
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